सोमवार, 26 जनवरी 2009

ये हमारा वतन हमको प्यारा वतन
इससे ज्यादा हमें कोई प्यारा नहीं

लड़ के पाए हैं आज़ादी हम दोस्तों
होके आज़ाद लड़ना गवारा नहीं

हम लड़े हैं सदा धर्म पर जाति पर
बांटना देश को अब दोबारा नहीं

ये हमारा वतन हमको प्यारा वतन
इससे ज्यादा हमें कोई प्यारा नहीं

मंगलवार, 13 जनवरी 2009

सिहरन भरी रातों में भी जलता रहा दिया,
कोहरे के बीच फंस के तड़पता रहा दिया

मंज़िल पता नहीं है और रस्ते भी हैं कठिन,
इस कशमकश बीच भी चलता रहा दिया

बारिश कभी बिजली कभी आंधी कभी बौछार
तूफानों से लड़ लड़ के मचलता रहा दिया

सिहरन भरी रातों में भी जलता रहा दिया,
कोहरे के बीच फंस के तड़पता रहा दिया

रविवार, 11 जनवरी 2009

ख्वाबों में आते जाते रहे तुम तो रातभर,
हमको यूं ही तड़पाते रहे तुम तो रातभर

बन के शमां तुम आ गए ख्वाबों में आज फिर,
परवाने को जलाते रहे तुम तो रातभर

उम्मीद थी की जख्मों पे मरहम लगाओगे,
निर्मम से मुस्कुराते रहे तुम तो रातभर

तुमको गज़ल बना दिया शब्दों के फेर से,
और फिर गज़ल को गाते रहे हम तो रातभर

शनिवार, 3 जनवरी 2009

मुझे देवता मत बनाओ,
क्यों की,
मै देखता हूँ देवता का हश्र,
महसूस करता हूँ उसकी पीडा ,
जो इंसानी प्रदत्त है।
मै तो बने रहना चाहता हूँ ,
एक सामान्य सरल सा इन्सान।
जिसके अन्दर छल,कपट,द्वेष,तृष्णा हो।
यथार्थता से परे जीवन जीने की कला हो।
जो मौके पर ईमानदार बनकर ,
अपना काम निकल सके,
पहनकर मुखौटा सच्चाई का ,
बेईमानी की बिसात पर ,
जिंदगी की चाल चले ,
और परास्त कर दे इंसानी प्रवित्ति को .