सोमवार, 13 अक्तूबर 2008

गुज़र जाएगा ये पल भी .......

पुराने कल की तरह से गुज़र जाएगा ये पल भी ,
नया फिर हादसा कोई कर जाएगा ये पल भी ।
यंहा मासूमियत की ओट में होते हैं कत्ले-आम ,
अगर बैठे रहे यूँ ही तो मर जाएगा ये पल भी ।
अगर हो हौसला दिल में दरकती हैं दीवारें भी,
नही तो साथ चलने से मुकर जाएगा ये पल भी ।

पुराने कल की तरह से गुज़र जाएगा ये पल भी .