बुधवार, 10 सितंबर 2008

mai chahunga

मै चाहूँगा की तुमसे मेरी आँखें चार हो जाए ,
किसी भी मोड़ पे तुमसे मेरी तकरार हो जाए .
तुम्हारा दिल जो पत्थर है तो सुन लो ये ख़बर तुम भी ,
मुहब्बत का मै खंजर हूँ जो दिल के पर हो जाए .
न देखो गिद्ध की नजरो से हमको तुम मेरे हम दम ,
मै हूँ वो शख्श जिसपे वार सब बेकार हो जाए ।
न डूबेगी मेरी कश्ती बचा लूँगा ये निश्चित है ,
मगर ये शर्त भी है तू अगर पतवार हो जाए ।
मै चाहूँगा की तुमसे ..............................................

2 टिप्‍पणियां:

gauravgaurav ने कहा…

bhai tumhare chahat toh bahut aachi hai lekin kisi aur ki bhi toh aisi chahat honi chahiye

ज़ूबी मंसूर ने कहा…

bahut khoob !