सोमवार, 20 जुलाई 2009

पानी रे पानी

पानी की बरसात देखिये
खूब हुयी दिन रात देखिये
भर गया पूरे शहर में पानी
बादलों की औकात देखिये!

शहर हो गया पानी पानी
पानी की अब सुनो कहानी..


टैक्सी ड्राईवर से उसके बेटे ने पूछा,
मेरे बाप..
ये कैसी शक्ल बना के आये हैं आप?
बाप ने बेटे को
दिन दिन भर की कहानी सुनाई बड़े चाव से,
बोला,
गया था टैक्सी ले के आया हू नाव से,
बेटा सककाया
घबराया
बोला,
क्या बिना तराजू तोल रहें हैं,
जो मन में आया बोल रहे हैं,
समझ में नहीं आया फिर से समझाइए,
क्या हुआ आपके साथ ठीक ठीक बताइए,
बाप बोला-क्या बताऊ मेरे लाल
आज मैं हो गया बेहाल
घर से चला था की आज टैक्सी चलाऊँगा
ढेर सारा पैसा कमाऊँगा
लेकिन मेरी सोच पर
पानी ने पानी फेर दिया
इतनी बरसात हुई की..
कौआ बिरियानी कबाब हो गयी
पानी की बोतल शराब हो गयी
शहर की सड़कें तालाब हो गयी
और रास्ते में मेरी टैक्सी ख़राब हो गयी!
टैक्सी को चप्पू से टेरते हुए लाया हूँ
और खुद भी तैरते हुए आया हूँ.

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