सोमवार, 11 मई 2009

देश के दोहे

मंदी ने ऐसा मारा कि मिडिल वर्ग मर जाय,
“माया” को इससे क्या लेना वो स्टेच्यू रही बनवाय।

अरबों रुपया देश का स्टेच्यू में दिया बहाय,
भारत देश कहीं से फिर न गुलाम हो जाय।

नेता सोएं चैन से और देश में हुआ बवाल,
पहले दाल में काला था अब हो गई काली दाल।

अबै है चुनाव तो बदला नेतन के तान,
बाद मा बची भइया सिर्फ झूर खरिहान।

झूठ झूठ की बात से नेता रहें रिझाय,
पब्लिक तो है मूरख कैसे भी फंस जाय।

टेंशन फ्री हो के हम तो खा रहे भाजी पाव,
हमको कुछ नही लेना देना भाड़ में जाय चुनाव।

दुनियादारी पकड़ के लिखते रहिए ब्लाग,
पहले आग में घी था अब घी में डालो आग।

5 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

वाह भई वाह,
नेताओं के लिए कष्टदायक
हम लोगों के लिए आनंद दायक..

Unknown ने कहा…

मायावती के धुर विरोधी
लगते हो गुरू.

Aadarsh Rathore ने कहा…

ग़ज़ब लिखते हो प्रभु

Unknown ने कहा…

desh ke dohe nahi bandhu ise to maya ke dohe kahna chahiye

Unknown ने कहा…

bandhu koi nya post to karo